मोबाइल - मोनू मोनू मोनू
पढ़ाई करता मोनू- कौन ? कहां से आ रही है आवाज़
मोबाइल - मोनू , मैं इधर ,तुम्हारा मोबाइल ।
खुश होकर मोनू - शंशश रूको थोड़ा पढ़ाई कर लूं , चुपचाप बैठे रहो
मोबाइल - मेरा मन नहीं लग रहा , मैं अकेला बैठा हूं ,कैसे दोस्त हो तुम मेरे ।
मोनू - अरे परेशान मत करो ! देखते नहीं पढ़ रहा हूं ।
मोबाइल - देख रहा हूं ,नाटक मत करो ।जब तुम्हारी टीचर पढ़ाती हैं तब तुम क्या करते हो ? बोलो बोलो
मोनू - हाहाहा , तुम्हारे साथ खेलता हूं।
मोबाइल - तो अभी भी खेलों ,देखो कितना अच्छा गेम है तुम्हारे लिए।
मोनू - तुम न पिटवाओगे । मां का गुस्सा याद है ।उस दिन क्लास में पकड़ लिया था खेलते हुए ।तुमने ही तो मुझे उकसाया था।और फिर पिताजी से कितनी पिटाई पड़ी ।
मोबाइल - देखो ,जैसे ही मां आएं ,कह देना तुम पढ़ाई के नोट्स देख रहे हो ।
मोनू - और मां ने देख लिया तो !
मोबाइल - अरे नहीं ,मां को इतना समझ में नहीं आएगा।
मोनू - सही कह रहे हो तुम ।
मोबाइल - चलो आओ ,ये नया गेम खेलें।
मोनू मोबाइल लेता है ।गेम खेलने लगता है - नहीं ये वाला ,ओह ये वाला ,न न ये वाला
मोबाइल - मैं न कहता था , मैं खुशियों का खजाना हूं ।एक क्लिक में ही क्या कुछ नहीं देख सकते । हाहाहाहाहा ( खुद से ) फंस गया बच्चा ।ऐसे ही मैं अपने जाल में सबको छोटो - बड़ों सबको फंसा लेता हूं ।
मोनू - थोड़ा सोचते हुए - ओह मैं यह क्या कर रहा हूं । मैं फिर मोबाइल के जाल में फंसे गया ।कल ही मां और पापा ने कितना समझाया था ।बताया था कि बच्चे किस तरह से गेम्स में अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं । नहीं नहीं मैं अब समझदारी से काम लूंगा ,अपनी जिंदगी बर्बाद नहीं करूंगा । मुझे मोबाइल मिला है तो मैं अपनी जिम्मेदारी समझूंगा ।
मोबाइल - ओह अब मैं मोनू को अपने जाल में नहीं फंसा सकूंगा ।देख रहा हूं अब बच्चे समझदार होने लगे हैं ,वे जान गए हैं ,मेरा उपयोग कैसे किया जाए ।
सभी समझदार बच्चों को धन्यवाद।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें