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मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

यात्रा

 देखिए तो, आज ये जनाब फिर आ गए। मुंबई इमेजिका से जो साथ चले,बस साथ छोड़ा नहीं। मुंबई का हाल पूछा ।थोड़ा नाराज थे कल बातचीत नहीं हुई न , इसलिए।कितना समझाना पड़ा कि कल बड़ौदा में थकान भरे सफर के बाद आरामगाह की खोज में व्यस्त हो गई थी।इसलिए तुम्हेँ देख ही न पाई। बहुत मनाना पड़ा तब जाके माने।अजमेर से जयपुर तक मेरे साथ चलते रहें....बतियाते रहे....।और कल फिर मिलने का वादा कर निकल लिए ठिठुरती रात के सफर में.....।न बाबा, मैं अब विश्राम करूंगी जयपुर में, कल मिलेंगे दिल्ली नैनीताल हाइवे में। शुभ रात्रि। 

#हाईवे_डायरी

यात्रा

वापसी के दौरान दिल्ली से अजमेर की यात्रा।हाईवे में आलू पराठा खाना पुराना शगल है।और वजन की चिंता को ताक में रख हम रास्ते भर खूब खाते हैं।ढाबों में खाने का स्वाद अगली यात्रा तक संजो कर जो रखनी होती है।
सफर लंबा नहीं था पर ट्रेफिक ने थका दिया।शाम पांच बजे अजमेर पहुँच गए।मुझे किसी भी हाल में अजमेर शरीफ जाना था।
तैयारी नए साल की। अजमेर के होटल नववर्ष की तैयारी में सजे हैं। रंग बिरंगी लाइट्स के अलावा आरटिफीशियल पेड़ पौधों से होटलों को सजाया गया है। कई आफर्स के साथ सजे होटल आकर्षित कर रहे हैं काश एक दिन और रूक पाते पर हम तो ठहरे मुसाफ़िर, चल पड़े आगे। आज रात का पड़ाव अहमदाबाद होगा। 
#हाईवे_डायरी

बुधवार, 23 दिसंबर 2020

जब मैंने उसे फोन‌ किया ।

क्या कर रहा है तू?
खाना बना रहा हूं।
क्या ? 
कलौंजी ,दाल,भात।
तू बनाता है खाना ? 
मम्मी काम से लेट आती है न!

देखती हूं जब सब बच्चे मैदान में क्रिकेट खेल रहे होते हैं मेरा यह नन्हा दोस्त खाना बना रहा होता है।

#जिंदगी
#मुंबई
#बचपन