बेटी तुम न समझोगी
मेरा प्यार ........
गर्भ में तुम्हरी आहट
देती थी दिल को जो झंकार
बेटी तुम नहीं समझोगी.......
नन्ही नन्ही हथेलिओं की गर्माहट
तुमारी मीठी किलकारी
बनी मेरे जीवन का संगीत
बेटी तुम न समझोगी.........
तुम्हारी उनीदी आंखों में
देख ली तभी तुम्हारी बारात
दिन औ रात का यह स्वप्न
बेटी तुम नहीं समझोगी .........
तुम्हारे बढने का अहसास
बढाती है धड़कन मेरी
तुम्हारी आँखों के सपने
उड़ाते रातों की नींदे मेरी
बेटी तुम नहीं समझोगी ........
एक दिन आयेगा
एक राजकुमार
तुम्हारा थामेगा जब हाथ
सजा डोली,पर मन करता चीत्कार
गाते होठ बरसाती आँख
बेटी तुम न समझोगी ........जीवन का आना
तुम्हारे गर्भ में आहट
उसकी नन्ही हथेलिओं की गर्माहट
ममता तुम्हारी आँख
बनेगा जब जीवन संगीत
बेटी तब तुम समझोगी
बेटी तब तुम समझोगी
मेरा प्यार .......
बहुत प्यारी बिटिया से प्यारी रचना
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