एक ओर मजदूरों का दर्द,दूसरी ओर मिडिल क्लास जिसकी नौकरी जा चुकी है या कट कटा कर मिली सैलरी लोन तले दब गई है ।
कोई अर्थशास्त्री आसान सी भाषा में हम आम लोगों को बताए कि आने वाले दिनों की व्यवस्था कैसे हो?
करोड़ के शून्य इतने ज्यादा हैं कि गिनती बीच में ही गड़बड़ा जाती है।आजतक इतना गिनने की नौबत भी तो न आई।
#कोरोना
कोई अर्थशास्त्री आसान सी भाषा में हम आम लोगों को बताए कि आने वाले दिनों की व्यवस्था कैसे हो?
करोड़ के शून्य इतने ज्यादा हैं कि गिनती बीच में ही गड़बड़ा जाती है।आजतक इतना गिनने की नौबत भी तो न आई।
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