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गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

 बतौर प्रधानाचार्य मैंने मुंबई के एक छोटे से कालेज में कदम रखा तो मेरा परिचय इन विशेष 'डे' ज़ से हुआ।टाइम-टेबल के साथ जब मैंने हर महीने में दो डेज लिखे देखें तो माथा ठनका।साड़ी डे,रेड डे ,ब्लू डे,अलाना डे - फलाना डे।फरवरी माह हर दिन कोई न कोई डे ।और १४ फरवरी वाला सप्ताह तो लड़के लड़कियां जोड़ों में कैंटीन,मैदान ,कोरीडोर के ओनो कोनो में ...पूछने पर पता चला वैलेंटाइन डे की तैयारी चल रही है ,और वैलैनटाइन डे से पहले बाकी डेज़ी के रिच्वल चल रहे हैं,उसी का कमाल है। 


आदर्श मन उद्वेलित हुआ।पढ़ना लिखना छोड़कर अभी से यह सब ,पहले ग्रेजुएट तो हो जाओ। सोचा बहुत से नियम बना दिए जाएं जो कि कम से कम इस  सप्ताह लागू  हो और युवाओं को कुछ हद तक तो रोका जाए पर जैसे जैसे दिन बीतने लगे मैं भी इन डेज में रमने लगी क्योंकि बच्चों का झुंड मुझे भी कभी गुलाब ,चाकलेट आदि दे जाता ।मुझे अच्छा लगने लगा नई  पीढ़ी का प्रेम सैलिब्रेट करने का तरीका पर प्रेम को लेकर नई पीढ़ी के प्रेक्टिकल अप्रोच कहीं मेरे खांटी देसी मन को चुभता रहा और अंततः मैंने उपाय निकाला।मैंने लाइब्रेरी में ढेर सारी प्रेम की किताबें मंगवाई ।कम से कम पचास किताबें जिनमें  प्रेम में पगी कहानियां और कविताएं थीं।जब कभी मैं खाली होती और समय मिलता मैं इन किताबों को लेकर क्लास में चली जाती और बच्चों से बातें करतीं, उनके बारे में बताती ।


पता नहीं मेरे उन युवा मित्रों की सोच को कितना बदल पाई पर एक दिन ग्रोवल मौल के सैल्स काउंटर में बैठा एक युवा झट से आकर पैर छूता हुआ बोला मैम आपने हमें रविन्द्र नाथ टैगोर की कविता पढ़ाई है जो मुझे अब तक याद है और पूरी कविता जस की तस सुना दी।लोग हम दोनों को देख रहे थे और मैं विस्मित सी खड़ी अपने तीन साल पहले लगाए बीज को सुंदरता से आकार लेते देख रही थी ।


Let Me Not Forget

If it is not my portion to meet thee in this life

then let me ever feel that I have missed thy sight

let me not forget for a moment,

let me carry the pangs of this sorrow in my dreams

and in my wakeful hours.

As my days pass in the crowded market of this world

and my hands grow full with the daily profits,

let me ever feel that I have gained nothing

let me not forget for a moment,

let me carry the pangs of this sorrow in my dreams

and in my wakeful hours.

When I sit by the roadside, tired and panting,

when I spread my bed low in the dust,

let me ever feel that the long journey is still before me

let me not forget a moment,

let me carry the pangs of this sorrow in my dreams

and in my wakeful hours.

When my rooms have been decked out and the flutes sound

and the laughter there is loud,

let me ever feel that I have not invited thee to my house

let me not forget for a moment,

let me carry the pangs of this sorrow in my dreams

and in my wakeful hours.


#valentines 

#proposeday 

#chocolateday

#प्रेम

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