विश्व रंगमंच दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
उम्र के इस दौर में परफॉर्म करने का आनंद ही कुछ और है।आज भी परफार्मेंस से पहले पेट में तितलियां घूमतीं हैं ठीक वैसे ही जैसे बचपन में परीक्षा से पहले घूमतीं थीं।
मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे गुरु Ruchi Sharma मिलीं जिन्होंने जैसी मैं हूं वैसा ही स्वीकारा ।मुझे ऐसे साथी मिले जिन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया।सबसे गजब बात आज मेरा श्रृंगार मेरी अपनी पास आउट स्टूडेंट्स खुशी और राधिका ने किया ।हर्ष बातों से मेरे भीतर उत्साह जगाता और विशाल मेरी उम्र को नजर अंदाज कर ऐसे स्टैप्स सिखाता कि मैं भूल ही जाती हूं कि मेरे घुटने जवाब देने लगे हैं।मेरा परिवार मेरी रीढ़ है जब थकती हूं तो मुझे सहारा देते हैं।
रंगमंच जीवन की उमंगों को बचा कर रखने वाला मंच है।प्रेम, जीजिविषा,उत्साह,जीवन का पर्याय है।
आज की कुछ तस्वीरें जो जबर्दस्ती बेटे से घर में खिंचवाई गई।
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