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मंगलवार, 15 नवंबर 2011




सोचा है कई बार
कुछ तो अनगढ़ -अद्बुत
होगा उस पार ........
माँ ने बताया था
 कि उस पार........
 है स्वर्ग या नरक का द्वार 
बना कर्मो को आधार
नियम है ईश्वर  के अपरम्पार  
 कि  करम जो  करे सुंदर 
 मिलेगा उसे   स्वर्ग का द्वार
  और जो करम करे बेकार 
सीधा जाये नरक के पार 
 अभी तक  भ्रान्ति यही  मन  में
 कि सच में होगा क्या उस पार?
अगर कर्म है आधार
 तो कैसे तय करता होगा पालनहार
 कि किसके गले पड़ेगा हार 
और किसे मिलेगा  नरक का द्वार..............

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