बच्चो .......
तुम क्या दोगे
अपनी आने वाली पीढ़ी को ?
मेरे पास तो थे देने को
नीम की बौर ,आम की अमराई.
एवरेस्ट औ महासागर
हरहराते खेत ,भरभराती नदियाँ
पर तुम क्या दोगे
ऊँची मीनारों से पटे शहर,
या नाले बनी नदिया.
मेरे पास तो थे
गाँधी और विवेकानंद
भगतसिंह और आजाद
पर तुम क्या दोगे
दाउद और इब्राहीम,
राजा और अमरसिंह .
मेरे पास तो थे अमिताभ और हेमा
लता और रफ़ी
तुम क्या दोगे
वो चेहरे जो दोबारा दिखते ही नहीं
मेरे पास तो थे चाँद की चांदनी ,सूरज की तपन
बारिश से नही धरती
पर तुम क्या दोगे
इमारतों से ढका आसमान ,गर्मी की अगन
सोचो तो
तुम क्या दोगे
तुम्हारे पास तो होगी ही नहीं
देने को वे सब चीजें
जो मैने तुम्हे दी
और तुमने नष्ट कर दीं
उनकी कद्र नहीं की
समय रहते नहीं सम्हला
और खो दी फिर
तुम क्या दोगे
बोलो तो
अपनी आने वाली पीढ़ी को????
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