यह आपका शहर
खंडहर सा क्यों है?
हर तरफ कदम निराश से क्यों है?
फूलों की मायूसी
कह रही है कहानियां
क्यों नहीं होता कोलाहल?
जीवन का रंग क्यों नहीं?
सब आडम्बर लगता है
जैसे लोग अजनबी हो खुद में
क्या यही है वर्तमान!
जिसे इक्कीसवी सदी कहते है.....
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