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शनिवार, 27 मार्च 2021

 ......कि अचानक मेरी नज़र इस किताब पर पड़ी । बहुत सी किताबें खरीदी तो जातीं हैं पर कहीं किसी विशेष वक्त के लिए बची रह जाती है।


जब कोरोना काल अपने चरम पर था उस समय इस किताब की वापसी पढ़ी जाने वाली किताबों में हुई फिर आजकल बुद्ध की चर्चा हुई तो एक बार फिर  किताब की याद आई।


थेरियो के बहाने कितनी कहानियां कविता के रूप में गढ़ी गई हैं।एक बार ,दो बार ,कई बार पढ़ी जा सकने वाली अद्भुत कविताओं का संग्रह है अनामिका जी की 'टोकरी में दिगंत '।


लोक और स्त्री मन की गहराइयों को छूते रूपक अंतर्मन को छू लेते हैं। किताब की भूमिका ही इतनी सशक्त है कि आगे बढ़े बिना रूका नहीं जाता।


कुछ अच्छी किताबें पढ़ने पर जो सुकून मिलता है उनमें से एक यह किताब भी है।

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