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शनिवार, 27 मार्च 2021

 रात नौ बजे से सुबह तीन बजे तक जो कहानी बांध कर रखे और समाप्ति के बाद भी उसके मोहपाश से निकलना मुश्किल हो तो लेखक को बधाई देनी बनती है। 


महिला पात्रों पर लिखा जाना कुछ नया नहीं है पर कथ्य की ताजगी , घटनाओं की बुनावट ,फ्लो आपको बांधे रखे ,यह महत्वपूर्ण है।कई घटनाओं से बुनी कहानी में एक घटना का रहस्य खत्म होता है तो दूसरी घटना का रहस्य शुरू हो जाता है और लगातार 'नीना ऑटी 'का चरित्र कभी सघन कभी तरल हो दिलों दिमाग पर तारी रहता है। अनुकृति उपाध्याय Anukrti Upadhyay  के लेखन का अपना एक स्टाइल है,नयापन है ,वैविध्य है इसलिए उन्हें पढ़ना खूबसूरत अनुभूति  है।

यूं तो सामान्य पर स्वतंत्र विचाराधारा वाला चरित्र है 'नीना ऑटी 'पर उनकी अपनी जिंदगी के फलसफे उन्हें एक अद्भुत चरित्र के रूप स्थापित करते हैं।


सोबर आवरण में लिपटा यह लघु उपन्यास निश्चित ही 'नीना ऑटी 'के सोबर पर रहस्यमय व्यक्तित्व को अपने में खूबसूरती से समाहित किए हैं।आम भारतीय परिवारों की तीन पीढ़ियों के चुटीले संवाद हर उम्र के पाठक को बांधे रखेंगे।


लेखिका को बधाई।🙏

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