तो फिर इस वर्ष की दसवीं , बारहवीं की परीक्षा शुरू हो गई या होने वालीं हैं।एन्जा़एटी या स्ट्रेस होना स्वाभाविक है।
बिलकुल सही है परीक्षा के दिनों में साधारण दिनों से ज्यादा पढ़ाई करनी चाहिए।पर पढ़ाई एक सतत प्रक्रिया है।रोज पढ़ो ,रोज गुनो।
परीक्षा हम इसलिए देते हैं कि जान सकें ,अभी और कितना जानना है। परीक्षा यह जानने के लिए नहीं देते कि दूसरे कितना जानते हैं या दूसरों से प्रतिस्पर्धा करें।
दो या चार साल की पढ़ाई से हम नहीं समझ पाते कि हम कितना जानते हैं।जीवन के उतार चढ़ाव हमें सिखाते हैं ,अनुभव हमें जीवन के कई पाठ सिखाते हैं।
बस आराम से परीक्षा दीजिए बिना स्ट्रेस के। परिणाम की चिंता न करें।जो आता ,जो सीखा है उसमें विश्वास करें, खुद पर विश्वास करें।
बोर्ड परीक्षा की बहुत शुभकामनाएं।
बिलकुल सही है परीक्षा के दिनों में साधारण दिनों से ज्यादा पढ़ाई करनी चाहिए।पर पढ़ाई एक सतत प्रक्रिया है।रोज पढ़ो ,रोज गुनो।
परीक्षा हम इसलिए देते हैं कि जान सकें ,अभी और कितना जानना है। परीक्षा यह जानने के लिए नहीं देते कि दूसरे कितना जानते हैं या दूसरों से प्रतिस्पर्धा करें।
दो या चार साल की पढ़ाई से हम नहीं समझ पाते कि हम कितना जानते हैं।जीवन के उतार चढ़ाव हमें सिखाते हैं ,अनुभव हमें जीवन के कई पाठ सिखाते हैं।
बस आराम से परीक्षा दीजिए बिना स्ट्रेस के। परिणाम की चिंता न करें।जो आता ,जो सीखा है उसमें विश्वास करें, खुद पर विश्वास करें।
बोर्ड परीक्षा की बहुत शुभकामनाएं।
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