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मंगलवार, 7 अगस्त 2012

नींद
 sleeping cats
आज खुमारी सी छाई है
शायद बहुत दिनों के बाद,नींद आई है ......
आज बारिश हुई है फिर से कहीं
अभी-अभी खबर ये आई है
महकी हुई है खुशबु से
हर ग़ज़ल जो हमने गाई है 
यूँ तो कहते हैं  सपने आते है
 नींदों में.  हमने तो
हरदम  उनीदी आँखों में
सपनो की दुनिया सजाई है.......
रात दिन  जाग-जाग कर हमने
लाख -लाख सपने सजाये है
तुम कहते हो हमारी आंखों में
लाली सी क्यों ये छाई है .......
कभी टूटे,कभी बिखरे
कभी खोये,कभी संजोये
ढेरों वादों की किताबे
लिखी-लिखाई हैं ......
तुमने आज देखा
पलकों को मूंदे हुए
और  एलान किया
कि हमको नींद आई है
 तुम क्या जानो कि हमने  तो
बरसों से ख्वाबो की
महफिलें सजाई है .........