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बुधवार, 11 जनवरी 2012

प्यार 



माँ  मैने  तुमसे माँगा 
नहीं खिलौना ,थोडा प्यार 
तुमने लाकर दिया खिलौना 
और गुम हो गया उसमे प्यार.........


माँ मैने तुमसे माँगा 
दाल, रोटी और अचार 
लाकर दिया पिट्जा महँगा 
और गुम हो गया उसमे प्यार .


माँ  मैने  तुमसे माँगा 
गोद तुम्हारी .आंचल का प्यार 
तुमने लाकर  दे दिए सुंदर कपडे चार 
और गुम हो गया उसमे प्यार 


माँ  मैने  तुमसे माँगा 
थोडा साथ ,थोडा आचार 
तुमने झिड़क कर मेरा हाथ
लगा दिया कंप्यूटर   में तार 
और गुम हो गया उसमे प्यार 


माँ बस  अब कुछ न मांगूंगा 
मांगू तुमसे केवल प्यार 
गले लगालो चाहू कुछ न 
बस दे दो थोडा सा प्यार .......

सोमवार, 9 जनवरी 2012

स्मृतियाँ

चलो कुछ और याद कर लें  
भूले हुए  किस्से 
बिसरी हुई कहानी.
 हाथों में हाथ डाले
 खाली सड़कों में घूमना भी
देता  था  मायने  जिंदगी  के . 
सूखे पेड़ों की पत्तियां  भी 
लगती थी गीत गाने .
 पसरी हुई ख़ामोशी
 करती  थी लाख बाते .
दिन हो गए थे गैर 
अपनी थी तब वो राते 
रातों को आधी- आधी
 करते थे चाँद से बातें
 चांदनी थी जब अपनी 
हमसफर  थी  ख़ामोशी
वो लजाते गीत गाते
 गुलाबी होठों की सुर्खिया थी 
आने  लगी थी फिर से 
जीवन में  बासंती बौर 
कैसी थी अपनी हस्ती
 कैसी थी वो मस्ती 
गुम हो  गए  कहाँ 
 फिर  वे ज़िन्दगी के दौर 
रह गए है किस्से 
बिसरी  हुई कहानी. 
चलो कुछ याद कर लें 
 बिसरी हुई कहानी ........