ज़िन्दगी
आओ उन पलों को जी ले
आओ उन पलों को जी ले
जो रेत की मानिंद सरक जाते है
मुट्ठी को बंद करने से पहले.
उन सपनो को सजाले
इसी पल
जो टूट जाते है
आँख खुलने से पहले.
जरा सी इस ज़िन्दगी की कहानी
वक़्त बेवक्त ख़त्म हो जाएगी
रह जायेंगे फकत
उम्मीदों के समंदर में
सीपी की तरह.
गिरती उठती लहरों की
आगोश में समाने से पहले
सजा ले उन्हे
इन्द्रधनुष के रंगों से.
याकि हरसिंगार के फूलों की लड़ी
सोंधी मिटटी की खुशबू
या कि वासंती बयार की महक
चुन के सजा दे मांग ज़िन्दगी की .
नवोढ़ा दुल्हन सी
जीने की ललक
जगा दे ........
आओ इन पलों को
जी ले इसी पल
ज़िन्दगी के लिए ......