प्यार
माँ मैने तुमसे माँगा
नहीं खिलौना ,थोडा प्यार
तुमने लाकर दिया खिलौना
और गुम हो गया उसमे प्यार.........
माँ मैने तुमसे माँगा
दाल, रोटी और अचार
लाकर दिया पिट्जा महँगा
और गुम हो गया उसमे प्यार .
माँ मैने तुमसे माँगा
गोद तुम्हारी .आंचल का प्यार
तुमने लाकर दे दिए सुंदर कपडे चार
और गुम हो गया उसमे प्यार
माँ मैने तुमसे माँगा
थोडा साथ ,थोडा आचार
तुमने झिड़क कर मेरा हाथ
लगा दिया कंप्यूटर में तार
और गुम हो गया उसमे प्यार
माँ बस अब कुछ न मांगूंगा
मांगू तुमसे केवल प्यार
गले लगालो चाहू कुछ न
बस दे दो थोडा सा प्यार .......
माँ मैने तुमसे माँगा
नहीं खिलौना ,थोडा प्यार
तुमने लाकर दिया खिलौना
और गुम हो गया उसमे प्यार.........
माँ मैने तुमसे माँगा
दाल, रोटी और अचार
लाकर दिया पिट्जा महँगा
और गुम हो गया उसमे प्यार .
माँ मैने तुमसे माँगा
गोद तुम्हारी .आंचल का प्यार
तुमने लाकर दे दिए सुंदर कपडे चार
और गुम हो गया उसमे प्यार
माँ मैने तुमसे माँगा
थोडा साथ ,थोडा आचार
तुमने झिड़क कर मेरा हाथ
लगा दिया कंप्यूटर में तार
और गुम हो गया उसमे प्यार
माँ बस अब कुछ न मांगूंगा
मांगू तुमसे केवल प्यार
गले लगालो चाहू कुछ न
बस दे दो थोडा सा प्यार .......
अरे! ... आपको सबसे पहली बधाई तो इस खूबसूरत चित्र के लिए है। अगर यह कलाकृति आपके घर में है, तो इससे आपकी कलात्मक अभिरुचि का पता चलता है।
जवाब देंहटाएंकविता क्या है, एक ज़िन्दगी है, एक अहसास है, एक सहज भाव है, कोमलता है, नवीनता है।
उस बच्चे को गले लगाना चाहता हूं, जिसकी कल्पना कर आपने यह गीत रचा है।
dhanyawad,manojji
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन !!!!
जवाब देंहटाएंभावों को सटीक प्रभावशाली अभिव्यक्ति दे पाने की आपकी दक्षता मंत्रमुग्ध कर लेती है...
dhanyawad sanjay ji
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रभावशाली अभिब्यक्ति। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआपकी प्रस्तुति भावुक कर रही है.
जवाब देंहटाएंमार्मिक और हृदयस्पर्शी प्रस्तुति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है,रीना जी.
आपका सातवाँ फालोअर बनते हुए मुझे खुसी हो रही है,
जवाब देंहटाएंकविता बहुत भावपूर्ण और सुन्दर है |पहली बार आपके ब्लॉग पर आई हूँ |बहुत अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंआशा
आप सभी को धन्यवाद्........
जवाब देंहटाएंब्लॉग में स्वागत
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