प्रेम
कुछ देर और खामोश बैठो
कि दिल की जुबान कुछ कहना चाहती है
कोई गीत होंठों से निकल न जाएँ
कि दिल की धड़कन कुछ गुनगुनाती है .
महसूस करो इस प्यार की कशिश
नर्म हथेलिओं की रेखाओं का मिलना
बंद आंखों से देखने की कोशिश
लरजते बादलों के बीच कौंधती बिजली .
कि कहीं हुई बारिश से
भीगी मिटटी की मीठी खुशबू.
पूरब से निकले सूरज की मासूमियत
या कि गहराई रात में निखरी चांदनी की कसक
सम्हल सम्हल के चलती हवा के झोंके
या कि ताज़ी मेहँदी की खुशबूं से
निखरे हाथों की लुनाई.
कुछ देर खामोश बैठो
जीवन के रंग सुंदर कुछ देर और जी लो ...........
भला ऐसे कैसे खामोश बैठा जाएगा :):) खूबसूरत अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति|
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत..............
जवाब देंहटाएंसुन्दर शब्द संयोजन...
अनु