क्यों नहीं पढना चाहते हम हिंदी जबकि
- हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है.
- हिंदी वह भाषा है जो अनेक भाषा भाषियों को एक कड़ी में जोडती है।
- हिंदी एक ऐसी भाषा है जो देश के बडे भाग में बोली जाती है।
- हिंदी एक मीठी भाषा है।
- हिंदी जैसी कोई और भाषा नहीं।
- हिंदी हमे अपने देश से जोडती है।
- अपनी सभ्यता से जोडती है।
- संस्कृति से जोडती है।
- हिंदी एक समृद्ध भाषा है ,यह अपने आप में पूर्ण है।
- घर में हम क्यों और कितना दूसरी भाषाओँ का प्रयोग करते है.
- हम दिनभर में कितने ऐसे लोगो से बातचीत करते है जो बिलकुल भी हिंदी नहीं जानते।
जब हिंदी इतनी अच्छी भाषा है तो हम हिंदी पढ़ते क्यों नहीं?
- हमे हिंदी पढने में शर्म क्यों आती है।
- हमे यह कहना क्यों अच्छा लगता है कि मेरी हिंदी बहुत अच्छी नहीं है ?
- हिंदी विषय बड़ा बोर करता है।
- यह कहते हुए कि मुझे हिंदी अच्छी तरह आती है पर अंग्रेजी में मैं थोड़ी कमज़ोर हूँ।
- हिंदी मेरी राष्ट्रभाषा है इसलिए यदि किसी भाषा में पहला अधिकार है तो वो हिंदी है।
- हिंदी ऐसी भाषा है जिसे मैं अन्य सब भाषाओ से ज्यादा अच्छी तरह बोलती या समझती हूँ।
- मैने करीब सभी हिंदी के अच्छे लेखकों को पढ़ा है।
- मेरा स्वाभिमान क्यों नहीं मुझे धिक्कारता कि मैं अपने बलबूते पर अपने पैरों में खडे होऊं न कि दूसरों की दया पर जिंदा रहूँ।
बस इतना करेंगे
- हिंदी पढेंगे क्यूंकि यह मेरी अपनी राष्ट्रभाषा है।
- हिंदी बहुर सुंदर और सीधी- सरल भाषा है।
- जितना प्यार मुझे अपने से है उतना ही अपनी भाषा है.
- मेरी भाषा मेरी पहचान है।
- मैं दूसरी सभी भाषाओं को सिखना चाहती और उनका सम्मान करती हूँ पर पहले में हिंदी भाषा को विस्तार से सीखूंगी और उसका सम्मान करुँगी।
- मेरी भाषा किसी दिन या तिथि की मोहताज़ नहीं है। हर दिन इसका है और हर दिन यह मेरा साथ देती है।
मुद्दे की बात ये कि हिन्दी हमारी मातृभाषा है. यही कारण पर्याप्त होना चाहिए उसे सम्मान मिलने का.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया आलेख !
हिंदी बोलने ओर व्यवहार में लाने में किसी बात्व्की शेम नहीं बल्कि गर्व होना चाहिए ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर आलेख .
जवाब देंहटाएंसार्थक पोस्ट....
जवाब देंहटाएंआभार
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