उम्र ..........
आओ समय मैं सहेज लूँ
बंद कर अपनी हथेली
ताउम्र न खुले ये पहेली .....
जान भी न पाए कोई
क्यों हुए थे गाल गुलाबी .
क्यों नशे में बंद आंखे
क्यों छाई थी वो लाली।
याद कर कर के वो शर्माना .
बस धीरे से मुस्काना
कही खो जाना ,गुम हो जाना
रातों को जागते रहना
उजाले में भी घबराना
कभी बाते न करना
कभी उड़ाने आसमानों की
कभी महफिले सजती ,कभी
न कोई साथी न सहेली
कोई कहता लड़कपन
कोई समझे मनमौजी
नाज़ुक सी उम्र के वो सपने
सुहाने मोड़ जीवन के
उम्र सोलह की वो अलबेली
आओ समय मैं सहेज लूँ
बंद कर अपनी हथेली
ताउम्र न खुले ये पहेली।।।।।।।
आओ समय मैं सहेज लूँ
बंद कर अपनी हथेली
ताउम्र न खुले ये पहेली .....
जान भी न पाए कोई
क्यों हुए थे गाल गुलाबी .
क्यों नशे में बंद आंखे
क्यों छाई थी वो लाली।
याद कर कर के वो शर्माना .
बस धीरे से मुस्काना
कही खो जाना ,गुम हो जाना
रातों को जागते रहना
उजाले में भी घबराना
कभी बाते न करना
कभी उड़ाने आसमानों की
कभी महफिले सजती ,कभी
न कोई साथी न सहेली
कोई कहता लड़कपन
कोई समझे मनमौजी
नाज़ुक सी उम्र के वो सपने
सुहाने मोड़ जीवन के
उम्र सोलह की वो अलबेली
आओ समय मैं सहेज लूँ
बंद कर अपनी हथेली
ताउम्र न खुले ये पहेली।।।।।।।
गुल्लक में रोज़ सिक्के वक़्त के संजो लेता हु ..
जवाब देंहटाएंएक रोज़ बेठुंगा गिनूगा लगाऊंगा हिसाब ....