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गुरुवार, 8 मार्च 2012


होली 

शब्दों  की कड़ियाँ जोड़ रहा था मन  
गुजिया और रंगों में उलझ  रहा था मन  
कोई कविता न बन पाई
  बस करते करते इतना ही कह पाई
 लो हाली भी चली गयी
रंगों से नहलाकर हमको 
सतरंगी सपनो की गागर
 छलक गयी
 कुछ गीत सुनाकर 
कुछ सपने भीगे, कुछ
 भीगी पलकों से देखे  सपने 
आने वाले सुंदर पल ,कुछ देकर
 चली गयी होली, रंगों से
 बहलाकर हमको 
होली आना फिरसे 
रंगों से भर जाना फिर से
 सपने कुछ दिखलाना फिरसे .......
इन्द्रधनुषी रंगों को सबके जीवन में 
भर जाना फिर से 

6 टिप्‍पणियां:

  1. रंगोत्सव की शुभकामनायें स्वीकार करें|

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  2. बहुत सुंदर भाव संयोजन होली कि शुभकामनायें.....

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  3. dhanyawad joshi ji
    dhanyawad pallaviji ,blog mein apka swagat hai....

    जवाब देंहटाएं
  4. हर बार आती है जाती है होली पर कुछ नए रंग भर जाती है जीवन में ...
    सुन्दर भाव संजोये हैं ...

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    Ira Bist Pandey, Rohit Bist and 6 others like this.

    Vinay Mehta रंगों में भर जाना फिर स ...................बहूत सुंदर रीना जी .....................
    March 8 at 7:38pm · Unlike · 1

    Nivedita Pandya Very beautiful !!!! Happy Holi
    March 8 at 8:01pm · Unlike · 1

    Noopur Tewari bahut sundar...Happy Holi...
    March 8 at 8:02pm · Unlike · 1

    Rohit Bist di wow "aati sunder"
    March 8 at 9:48pm · Unlike · 1

    Hemanshu Joshi yeh to badhiya likhi hai .. I LIKE IT :)
    March 11 at 8:03pm · Like

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