गुले गुलज़ार हो गया कोई
प्यारे इकरार हो गया कोई
अब न कोई बहाना होगा न आने का
अब तो राहे बहार हो गया कोई
मुद्दत्त से आरजू की थी
अब इन्तेज़रें मुद्दत हो गया कोई
फलसफा इतना ही नहीं जिंदगी का
जिंदगी ए फलसफा हो गया कोई ........
बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
जवाब देंहटाएंdhanyawad sanjay ji
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